कोई उन्हें नर्मदा पुत्र कहता है कोई उन्हें कुशल रणनीतिकार लेकिन अब वो हमारे बीच नहीं है ..जिस संगम स्थल पर वो नदी महोत्सव करते आये वही सनम पर उनकी आत्मा का परमात्मा से संगम हो गया ...अनिल माधव दवेजि के पार्थिक देह को उनके छोटे भाई अभयमाधव दवे ने मुखाग्नि दी....
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