Sunday, March 26, 2017

जान लिजिये क्युँ आये दिग्ग्विजय सिंधिया के समर्थन मे !

दिग्ग्विजय सिंह ने कहा है की अब ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप देना चाहिये ..ये वही दिग्गविजय  सिह है जो हमेशा सिंधिया की खिलाफत करते आये है ....हम आपको बताते है वो पुरी कहानी जिसने दिग्ग्विजय को सिंधिया के समर्थन मे आने के  लिये मजबुर कर दिया ..
2013 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दिग्गविजय सिंह ने खुद को डुबता  सूरज कहा था और उनके सुर्यास्त का कारण थे ज्योतिरादित्या सिंधिया .....दिग्गविजय सिंह और सिंधिया गुट की आपसी खींचतान ने ही प्रदेश मे कांग्रेस का बंटाडार किया था तो अब क्या दिग्गी राजा प्रायश्चित करना चाहते है या फिर कहानी कुछ और है  असल मे दिग्गी राजा के महाराज का समर्थन करने के कई कारन है .......
सबसे बडा कारण है कमलनाथ ..कांग्रेस हाईकमान ने ये तय कर लिया है की कमलनाथ को अगले कुछ दिनो मे प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी जाये और दिग्गविजय सिंह एक नया राग छेडकर इसे लटकाना चाहते है असल मे दिग्गि चाहते है की जब तक जयवर्धन एक सीनीयर लीडर के रूप मे ना उभरे तब तक कमान अरुण यादव जैसे नेताओ के हाथ मे ही रहे ..2013 मे भी जब सिंधिया को चुनाव की कमान मिली थी तब भी दिग्ग्विजय सिंह के बारे मे ये कहा गया वो बिल्कुल खुश नही है ....
दिग्ग्विजय सिंह एक और बडा  कारण  है जिसके कारण सिंधिया का समर्थन करने को मजबुर है वो कारण है नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ...अजय सिंह को अंतिम वक्त पर कमलनाथ के समर्थन के कारण नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिली थी जिसके बाद अजय सिंह ने जब राहुल गांधी से दिल्ली मे मुलाकात की तो कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने की बात हाईकमान से कही थी ये बात सबसे ज्यादा दिग्ग्विजय सिंह को ही खली क्योंकि अजय सिंह उन्ही के खेमे के नेता माने जाते थे ....
हालंकि खुद दिग्गविजय कुछ दिनो पहले तक कमलनाथ के समर्थन मे थे लेकिन पंजाब मे जीत के बाद कमलनाथ को प्रबंधन के लिये तारीफे मिली वही गोवा मे सरकार ना बना पाने के कारण दिग्गि राजा जमकर आलोचना के शिकार हुये और यही कारण था की दिग्गविजय कमलनाथ को पचा नही पा रहे है जबकि कहा ये जाता है की दिग्गविजय सिंह जब सी एम बने थे तो इसमे कमलनाथ की बडी भुमिका थी ....
अब देखना ये है की दिग्गविजय का समर्थन मिलने के बाद कमान सिंधिया को मिलती है या अरुण यादव बचे रह्ते है या फिर कमलनाथ को लेकर हाईकमान अपने निर्णय पर अडिग रहेगा .....हालंकि ये बात तय है की दिग्गविजय द्वारा सिंधिया को समर्थन देने का कुछ ना कुछ असर तो पडेगा .........

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