भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कल एम पी के दो नेशनल हाईवे की हालत को शर्मनाक बताया इनमे से एक सडक बेचारी बडे बडे नेताओ की राजनीती की मारी है ..ये सडक है एन एच 69 जिसकी चिंता अब सबको इसिलिये हो रही है क्युंकि संघ के एक बडे पदधिकारी जब विराट हिंदु सम्मेलन की तैय्यारियो का जायजा लेने बैतुल पहुंचे तो उन्हे जमकर झटॅके खाने पडे ..... इस सडक पर आपको बता दे सी एम शिवराज सिंह की विधानसभा "बुधनी " ...विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज की लोकसभा का बडा हिस्सा जिसमे मंडीदीप और ओबेदुल्लगंज आते है ..इसकेअलावा विधांनसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा की विधांनसभा होशंगाबाद और तात्कालीन लोक निर्माण मंत्री रहे सरताज सिंह और कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी की कर्मभुमि ..इसके बाद इसी हाईवे पर है कांग्रेस के दिग्गज सांसद कमलनाथ की लोकसभा क्षेत्र छिंदवाडा का बडा हिस्सा ....
जी बिल्कुल कल खुद नितिन गडकरी ने कहा की ओबेदुल्लगंज से लेकर बैतुल तक की सडक की हालत बेहद शर्मनाक है आपको बता दे गडकरी साहब ने "एन एच -69 " की बात की है जो नागपुर से लेकर ओबेदुल्लगंज तक आत है और जिसका आधा हिस्सा बन चुका है ,लेकिन बदलते राजनैतिक हालातो के चलते ये सडक बेचारी नही बदल पायी ....
आप इस सडक से गुजरेंगे तो अंदाज लगा लेंगे की पावर पोलिटिक्स क्या होती है ...इस सडक की दास्ताँ तो यही कहती है ..
इस सडक की कार्य स्वीकृति मनमोहन सिंह सरकार के समय हुयी थी तब कमलनाथ उद्योग मंत्री थे तो और उन्होने ही इसकी मांग की थी ..सडक स्वीकार हुयी उसके बाद पुरे सडक मार्ग पर मेपिंग के लिये जमकर राजनीती हुयी और विवाद हुये .....दोनो पार्टी के नेताओ ने अपने रिश्तेदारो के नाम पर इस बननेवाली सडक के दोनो तरफ जमीन खरीदना शुरु कर दी ..क्युंकि ये सडक मार्ग जयपुर, दिल्ली और इंदौर को पुरे साऊथ इंडिया से जोडता है ..पहले मेपिंग को लेकर अपने अपने हितो के चलते नेताओ ने अडंगे लगाये लेकिन जैसे ही कमलनाथ सडक परिवहन मंत्री बने इस सडक का काम तेजी से हुआ और छिंदवाडा से लेकर बैतुल तक प्रदेश की सबसे सुंदर सडक बन भी गयी ......लेकिन बेचारी सडक को इसके बाद नेताओ की नजर लग गयी ...पहले तो यू पी ए की सरकार चली गयी और कमलनाथ सडक परिवहन मंत्री नही रहे ....फिर ये सडक राज्य सरकार के मंत्रीयो के आपसी विवाद की भेंट चढ गयी ......
इसके बाद 2014 से 2016 के बीच तात्कालीन लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह और वन मंत्री गौरीशनक्र शेजवार के बीच विवाद शुरु हो गया ...और वन विभाग ने ओबेदुल्लागंज और बुधनी के बीच रातापानी सरंक्षित क्षेत्र को लेकर आपत्ति लगा दी ..इस दौरान होशंगाबाद की प्रभारी मंत्री वसुंधरा राजे इस सडक से गुजरी तो उन्होने भी मंच से सबको जमकर फटकार लगायी जिससे मामला और बिगड गया .....हालात को देखते हुये और खुद को बचाने के लिये मंत्रीयो और अफसरो ने सी एम शिवराज के लोकसभा क्षेत्र बुधनी के हिस्से मे सडक बना दी और बाकि हिस्से का काम हो ही नही पाया ..आलम ये है की ये फोर लेन स्वीकृत राजमार्ग है और नया काम शुरु होने की स्वीकृति होने की वजह से इसका मेंटेनेंस बजट भी आसानी से पास नही होता ..तो ये है "दर्दे सडक एन एच -69 का" जिस पर गडकरी जी शर्मिंदा है लेकिन सवाल ये उठता है की शर्मिंदा जिन्हे होना चाहिये वो कितने शर्मिंदा है .......
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| NH-69 ओबेदुल्लगंज से लेकर बैतुल के बीच |
जी बिल्कुल कल खुद नितिन गडकरी ने कहा की ओबेदुल्लगंज से लेकर बैतुल तक की सडक की हालत बेहद शर्मनाक है आपको बता दे गडकरी साहब ने "एन एच -69 " की बात की है जो नागपुर से लेकर ओबेदुल्लगंज तक आत है और जिसका आधा हिस्सा बन चुका है ,लेकिन बदलते राजनैतिक हालातो के चलते ये सडक बेचारी नही बदल पायी ....
आप इस सडक से गुजरेंगे तो अंदाज लगा लेंगे की पावर पोलिटिक्स क्या होती है ...इस सडक की दास्ताँ तो यही कहती है ..
| NH-69 नागपुर से बैतुल के बीच |
इस सडक की कार्य स्वीकृति मनमोहन सिंह सरकार के समय हुयी थी तब कमलनाथ उद्योग मंत्री थे तो और उन्होने ही इसकी मांग की थी ..सडक स्वीकार हुयी उसके बाद पुरे सडक मार्ग पर मेपिंग के लिये जमकर राजनीती हुयी और विवाद हुये .....दोनो पार्टी के नेताओ ने अपने रिश्तेदारो के नाम पर इस बननेवाली सडक के दोनो तरफ जमीन खरीदना शुरु कर दी ..क्युंकि ये सडक मार्ग जयपुर, दिल्ली और इंदौर को पुरे साऊथ इंडिया से जोडता है ..पहले मेपिंग को लेकर अपने अपने हितो के चलते नेताओ ने अडंगे लगाये लेकिन जैसे ही कमलनाथ सडक परिवहन मंत्री बने इस सडक का काम तेजी से हुआ और छिंदवाडा से लेकर बैतुल तक प्रदेश की सबसे सुंदर सडक बन भी गयी ......लेकिन बेचारी सडक को इसके बाद नेताओ की नजर लग गयी ...पहले तो यू पी ए की सरकार चली गयी और कमलनाथ सडक परिवहन मंत्री नही रहे ....फिर ये सडक राज्य सरकार के मंत्रीयो के आपसी विवाद की भेंट चढ गयी ......
इसके बाद 2014 से 2016 के बीच तात्कालीन लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह और वन मंत्री गौरीशनक्र शेजवार के बीच विवाद शुरु हो गया ...और वन विभाग ने ओबेदुल्लागंज और बुधनी के बीच रातापानी सरंक्षित क्षेत्र को लेकर आपत्ति लगा दी ..इस दौरान होशंगाबाद की प्रभारी मंत्री वसुंधरा राजे इस सडक से गुजरी तो उन्होने भी मंच से सबको जमकर फटकार लगायी जिससे मामला और बिगड गया .....हालात को देखते हुये और खुद को बचाने के लिये मंत्रीयो और अफसरो ने सी एम शिवराज के लोकसभा क्षेत्र बुधनी के हिस्से मे सडक बना दी और बाकि हिस्से का काम हो ही नही पाया ..आलम ये है की ये फोर लेन स्वीकृत राजमार्ग है और नया काम शुरु होने की स्वीकृति होने की वजह से इसका मेंटेनेंस बजट भी आसानी से पास नही होता ..तो ये है "दर्दे सडक एन एच -69 का" जिस पर गडकरी जी शर्मिंदा है लेकिन सवाल ये उठता है की शर्मिंदा जिन्हे होना चाहिये वो कितने शर्मिंदा है .......

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