यू पी मे बी जे पी के लिये प्रशांत किशोर बने नरोत्तम मिश्रा ........
सबसे पहले यू पी मे कार्यकर्त्तओ की मीटींग के लिये बुलाये गये.....
फिर बयानो से मचाया तहलका ......
अब अमित शाह की पर्सनल कोर कमेटी मे शामिल .......
एम पी के जनसम्पर्क एवम जल संसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने राजनैतिक जीवन की सबसे बडी छलांग लगायी है ,वो इन दिनो बी जे पी के राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर मे एक रणनीतीकार के रुप मे उभरे है...मिश्रा ने उत्तर प्रदेश मे बयानबाजी से सिर्फ सुर्खियाँ नही बटोरी बल्कि अपने पहले दौरे मे कानपुर मे उन्होने कार्यकर्त्तओ को जिस तरह से मनोबल बढाया उसके बाद वो एक बडे रणनीतीकार के रुप मे केंद्रीय नेतृत्व के सामने उभरे है ...
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिवराज मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य नरोत्तम मिश्रा को सबसे पहले उत्तर प्रदेश के लिए चुना था, उन्हें कानपुर भेजा गया था..बीजेपी कार्यालय के मुताबिक उनका चयन सीधे केंद्रीय नेतृत्व ने किया था .. नरोत्तम को कुल 52 विधान सभाओं की जिम्मेदारी दी गई है जहाँ विधानसभाएं कई जिलों में फैली हुई हैं लेकिन उन्होने एक हफ्ते मे ही ताबडतोड कार्यकर्त्तओ की मीटींग्स की और जिस तरह से मिश्रा ने कार्यकर्त्तओ को मोटिवेट किया उसके बाद प्रदेश बी जे पी नेतृत्व ने उन्हे केंद्रीय नेतृत्व से से स्टार प्रचारक के रुप मे मांगा और उसके बाद उन्होने अपने एक बयान से जमकर सुर्खियाँ बटोरी है .. जिसमे मिश्रा ने कहा है की "जिस तरह घर में जब मेहमान आते हैं तो उनके स्वागत के लिए अलमारी में रखी महंगी क्रोकरी में चाय वाय दी जाती है, जब मेहमान चले जाते हैं, तो उनको फिर रख देते थे उठाकर। बस प्रियंका इसी तरह हैं, चुनाव आते ही निकाल लाया और चुनाव गया फिर जमा कर दिया। और कुछ नहीं है इनके पास। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी उन्होंने पुतला करार दिया"
आपको बता दे की मिश्रा के इस बयान पर पहले तो कुछ कांग्रेसियो ने प्रतिक्रिया जताई लेकिन बाद मे कांग्रेस हाईकमान को लगा की ये बयान जितनी सुर्खियाँ बटोरेगा उससे कांग्रेस को उतना ही नुकसान होगा इसिलिये कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी के बडे नेताओ को इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है ...........
पार्टी द्वारा कराये गये आंतरिक सर्वे मे भी अब ये सामने आया है की पार्टी कानपुर और उसके आसपास के 50 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रो मे पहले से काफी बेहतर स्थिति मे है अब इसके बाद खुद अमित शाह उन्हे यु पी की मे अपनी उस व्यक्तिगत कोर कमेटी मे भी शामिल कर लिया है जिससे वो खुद सीधे चुनिंदा नेताओ से सलाह लेते है .....
सबसे पहले यू पी मे कार्यकर्त्तओ की मीटींग के लिये बुलाये गये.....
फिर बयानो से मचाया तहलका ......
अब अमित शाह की पर्सनल कोर कमेटी मे शामिल .......
एम पी के जनसम्पर्क एवम जल संसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने राजनैतिक जीवन की सबसे बडी छलांग लगायी है ,वो इन दिनो बी जे पी के राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर मे एक रणनीतीकार के रुप मे उभरे है...मिश्रा ने उत्तर प्रदेश मे बयानबाजी से सिर्फ सुर्खियाँ नही बटोरी बल्कि अपने पहले दौरे मे कानपुर मे उन्होने कार्यकर्त्तओ को जिस तरह से मनोबल बढाया उसके बाद वो एक बडे रणनीतीकार के रुप मे केंद्रीय नेतृत्व के सामने उभरे है ...
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिवराज मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य नरोत्तम मिश्रा को सबसे पहले उत्तर प्रदेश के लिए चुना था, उन्हें कानपुर भेजा गया था..बीजेपी कार्यालय के मुताबिक उनका चयन सीधे केंद्रीय नेतृत्व ने किया था .. नरोत्तम को कुल 52 विधान सभाओं की जिम्मेदारी दी गई है जहाँ विधानसभाएं कई जिलों में फैली हुई हैं लेकिन उन्होने एक हफ्ते मे ही ताबडतोड कार्यकर्त्तओ की मीटींग्स की और जिस तरह से मिश्रा ने कार्यकर्त्तओ को मोटिवेट किया उसके बाद प्रदेश बी जे पी नेतृत्व ने उन्हे केंद्रीय नेतृत्व से से स्टार प्रचारक के रुप मे मांगा और उसके बाद उन्होने अपने एक बयान से जमकर सुर्खियाँ बटोरी है .. जिसमे मिश्रा ने कहा है की "जिस तरह घर में जब मेहमान आते हैं तो उनके स्वागत के लिए अलमारी में रखी महंगी क्रोकरी में चाय वाय दी जाती है, जब मेहमान चले जाते हैं, तो उनको फिर रख देते थे उठाकर। बस प्रियंका इसी तरह हैं, चुनाव आते ही निकाल लाया और चुनाव गया फिर जमा कर दिया। और कुछ नहीं है इनके पास। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी उन्होंने पुतला करार दिया"
आपको बता दे की मिश्रा के इस बयान पर पहले तो कुछ कांग्रेसियो ने प्रतिक्रिया जताई लेकिन बाद मे कांग्रेस हाईकमान को लगा की ये बयान जितनी सुर्खियाँ बटोरेगा उससे कांग्रेस को उतना ही नुकसान होगा इसिलिये कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी के बडे नेताओ को इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है ...........
पार्टी द्वारा कराये गये आंतरिक सर्वे मे भी अब ये सामने आया है की पार्टी कानपुर और उसके आसपास के 50 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रो मे पहले से काफी बेहतर स्थिति मे है अब इसके बाद खुद अमित शाह उन्हे यु पी की मे अपनी उस व्यक्तिगत कोर कमेटी मे भी शामिल कर लिया है जिससे वो खुद सीधे चुनिंदा नेताओ से सलाह लेते है .....

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