आखिरकार अजय सिंह नेता प्रतिपक्ष घोषित हो ही गये है वही अजय सिंह जो 2014 मे नेता प्रतिपक्ष दोबारा बनते बनते रह गये थे इस दौड के लिये .....और शायद ऊपरवाले को इस बात का अफसोस था इसिलिये तो चमत्कारिक रुप से आसमान मे ही बन गये अजय सिंह के नेता प्रतिपक्ष बनने के गणित ....जान लिजिये इस पोलिटिकल थ्रिलर की अंदर की कहानी
कहानी की शुरुआत 3 फरवरी से होती है जब चार बडे दावेदार अजय सिंह ,मुकेश नायक ,महेंद्र सिंह कालुखेडा और बाला बच्चन से राहुल गांधी ने वन टू वन चर्चा की ..जिसमे मुकेश नायक का परफार्मेंस सबसे बेहतर बताया गया ,इसके बाद अजय माकन को रायशुमारी के लिये भेजा गया तो मुकेश नायक के चांसेस और बढ गये क्युंकि दोनो नेता एक साथ मीडिया विंग मे काम कर चुके है यानि 20 फरवरी तक मुकेश नायक लीड कर रहे थे लेकिन पी सी सी चीफ अरुण यादव और मोहनप्रकाश के दिमाग मे एक और ही खिचडी पक रही थी उन्हे लगा की बाला बच्चन को अगर नेता प्रतिपक्ष का पद मिलता है तो एक तीर से दो निशाने लग जायेंगे एक तो कमलनाथ की पी सी सी चीफ की दावेदारी कमजोर होगी और दुसरा एक कमजोर नेता प्रतिपक्ष होने से वो ज्यादा मजबुत रहेंगे और यही से कहानी बदलती है 20 फरवरी को अजय माकन पर्यवेक्षक के रूप मे आते है अजय माकन जैसे ही पी सी सी पहुंचने वाले थे उसी समय अजय सिंह अपने साथ 16 विधायको को लेकर पी सी सी पहुंचे और शक्ति प्रदर्शन किया इसके बाद सब एक साथ मीटिंग मे पहुंचे मीटींग मे सबसे पहले अरुण यादव ने बाला बच्चन को बोलने का मौक़ा दिया...
तय भूमिका के अनुसार बाला बच्चन ने एक लाईन का प्रस्ताव विधायको के सामने रखा ...जिसमे निर्णय हाईकमान पर छोड़ने की बात कही गयी...मोहनप्रकाश ने सभी विधायको से पूछा क्या आप सहमत है ..और फिर किसी ने मन से तो किसी ने अनमने ढंग से हामी भर दी...संगठन महामन्त्री ने इसके बाद प्रस्ताव पर सभी के हस्ताक्षर करवाये और प्रस्ताव अजय माकन को सौंप दिया गया..हालंकि आरिफ अकील बीच मे बोलने के लिये उठे लेकिन यादव ने उसी समय थैंक्स कह दिया ....माकन ,मोहनप्रकाश और अरुण यादव सीधे केबिन मे आये ...कुछ चर्चा की और बाहर आकर माकन ने मीडिया से कहा की"सभी विधायको ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर नेता प्रतिपक्ष के नाम के चयन का निर्णय हाईकमान पर छोड दिया है ...
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष के दावेदार एक के बाद एक बाहर आये...सबसे खुश बाला बच्चन नजर आ रहे थे ..शायद उनकी मुराद पुरी हो गयी थी क्युंकि फिलहाल वो ही नेता प्रतिपक्ष होंगे जब तक हाईकमान नये नाम का एलान नही करता दुसरा अजय माकन के सामने मोहनप्रकाश और यादव ने ऐसा महौल बनाया जिससे लगे की बाला बच्चन मे ही सभी को विश्वास है .......और 20 फरवरी को जो हालत थे उसके अनुसार बाला बच्चन नम्बर एक पर और मुकेश नायक नम्बर दो पर थे लेकिन उसके बाद कहानी मे कुछ ऐसा घटा जिसकी उम्मीद अजय सिंह को भी नही थी ....लेकिन इसी बीच कमलनाथ खेमे के महकौशल के एक विधायक से कमलनाथ ने बात की जिसने नेता प्रतिपक्ष के लिये बाला बच्चन को लेकर अरुण यादव द्वारा बनाये गये समीकरण की पुरी जानकारी दे दी ..वही जोश जोश मे बाला बच्चन ज्यादा ही बहक गये थे और ये कह गये की वो किसि खेमे के नही है जिसने कमलनाथ को और नाराज कर दिया ...21 फरवरी को कमलनाथ भोपाल पहुंचने वाले थे ज्योतिरादित्या सिंधिया और विवेक तंखा के साथ ....लेकिन कमलनाथ ने अपने विशेष विमान से चलने के लिये दिग्ग्विजय को भी आमंत्रित कर दिया ..साथ मे अजय सिंह को लेकर कुछ ऐसा कहा कि दिग्ग्विजय भी साथ ही आने को तैय्यर हो गये ......फिर कमलनाथ ने दिग्गी राजा से फ्लाईट मे ही चर्चा की और भोपाल एयर्पोर्ट पर पहुंचते ही अजय माकन को फोन लगाकर कहा की आप विधायको की राय को तवज्जो दिजियेगा ..मेरे पास महकौशल से एक विधायक का फोन आया है की ज्यादातर विधायक किसी एक सीनीयर विधायक के साथ है इस समय मेरे साथ सिंधियाजी और दिग्ग्विजय सिंहजी भी है ..इस फोन के बाद अजय माकन समझ गये थे की उन्हे आलकमान को क्या कहना है और माकन ने 22 फरवरी की रात को जैसे ही राहुल गांधी दिल्ली पहुंचे उन्हे अपनी रिपोर्ट सौंप दी जो कही ना कही अजय सिंह के साथ विधायको का बहुमत होने का जिक्र कर रही थी ,,,इसी बीच खबर ये भी थी की मुकेश नायक की एक व्यक्तिगत रिश्तेदारी की जानकारी भी हाईकमान के पास पहुंचायी गयी ...बस फिर क्या था राहुल गांधी ने अजय सिंह के नाम पर हामी भर दी जिसकी सुचना बकायदा AICC द्वारा सुबह 11.30 पर प्रदेश कांग्रेस और विधायक द्ल को दे दी गयी ....और सीनीयर एम एल ए गोविंद सिंह ने थोडी ही देर बाद ये सुचना सदन को भी दे दी.....बिना कोई देरी किये क्युंकि वो जानते थे की राजनीती मे पल भर मे समीकरण बदल्ते है खासतौर पर कांग्रेस मे

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