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क्या मध्य प्रदेश सरकार को नोटबंदी का अंदाजा पहले से हो गया था या खबर मिल गयी थी ये सवाल इसिलिये उठा है क्युंकि पी एम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोतबंदी का एलान 8नवम्बर 2016 को किया था लेकिन इससे कुछ महीने पहले ही हरियाणा और मध्य प्रदेश सरकार ने इससे होने वाले असर के बार जानने की कोशिश की थी। सुत्रो के मुताबिक फरवरी-मार्च 2016 में हरियाणा और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैन्स एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) से संपर्क किया था। एनआईपीएफपी को नोटबंदी के किसी राज्य पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन करने को कहा गया था। रीसर्च की घोषणा आधिकारिक तौर पर जुलाई में की गई थी लेकिन इससे पहले की रीसर्च का काम पूरा कर रिपोर्ट सौंपी जाती उससे पहले ही नोटबंदी की घोषणा हो चुकी थी।
क्या मध्य प्रदेश सरकार को नोटबंदी का अंदाजा पहले से हो गया था या खबर मिल गयी थी ये सवाल इसिलिये उठा है क्युंकि पी एम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोतबंदी का एलान 8नवम्बर 2016 को किया था लेकिन इससे कुछ महीने पहले ही हरियाणा और मध्य प्रदेश सरकार ने इससे होने वाले असर के बार जानने की कोशिश की थी। सुत्रो के मुताबिक फरवरी-मार्च 2016 में हरियाणा और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैन्स एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) से संपर्क किया था। एनआईपीएफपी को नोटबंदी के किसी राज्य पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन करने को कहा गया था। रीसर्च की घोषणा आधिकारिक तौर पर जुलाई में की गई थी लेकिन इससे पहले की रीसर्च का काम पूरा कर रिपोर्ट सौंपी जाती उससे पहले ही नोटबंदी की घोषणा हो चुकी थी।
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| Director NIPFP |
आपको बता दे की एनआईपीएफपी नई दिल्ली स्थित एक थिंक-टैंक ऑटोनोमस सोसायटी है। खबर के मुताबकि सरकार के रीसर्च का यह कदम उठाने की वजह अर्थक्रांति प्रतिष्ठान एनजीओ की रिपोर्ट थी जिसके सुझावों का आकलन किया जाना था। इसी एनजीओ ने करेंसी के बड़े नोटों को निकालने का भी सुझाव दिया था। मध्य प्रदेश सरकार के कर विभाग को लगा कि इस रिपोर्ट का आकलन किया जाना जरूरी था क्योंकि उसमें टैक्स सिस्टम से जुड़ी भी कुछ जरूरी बातें थी।
केंद्र सरकार कितने ही दावे करे लेकिन ये खबर नोटबंदी के फैसले में उच्च स्तर की गोपनीयता रखने वाली बात पर भी सवालिया निशान खड़ी करती है। वहीं एनजीओ अर्थक्रांति लंबे समय से नोटबंदी पर दावा करता रहा है कि यह उनका आइडिया था। एनजीओ प्रमुख अनिल बोकिल का दावा है कि उनके संस्थान ने नरेंद्र मोदी से उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले हुई एक बैठक में नोटबंदी का सुझाव दिया था। अर्थक्रांति का दावा है उसने अपनी रिपोर्ट में नोटबंदी के अलावा टैक्स सिस्टम, बैंकिंग टांस्कैंशन्स, जैसे कई सुझाव दिए थे।माना जा रहा है की ये सलाह केंद्र सरकार की तरफ से ही दी गयी होगी ताकि बाद मे राज्य सरकारे नोटबंदी पर आपत्ति ना उठा सके ..


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