- मध्य प्रदेश की राजनीती मे ये पहला मौका नही होगा, हुआ तो ऐसा पहले भी है ....
- लेकिन इस दफा अगर हुआ तो कांग्रेस का ये नुकसान उसे प्रदेश मे ही नही देश मे भी भारी नुकसान पहुंचायेगा ....
- कारण वही कभी प्रदेश आलाकमान की बेपरवाही तो कभी केंद्रीय आलाकमान का रुखापन......
- पिछ्ले कुछ अरसे से हर चुनाव के पहले ऐसा ही हुआ है .........
- यू पी चुनाव के पहले भी ऐसा ही हुआ ......

UP के बाद अब MP मे कांग्रेस के एक दिग्गज नेता पर है मोदी शाह की जोडी की नजर
बी जे पी ने प्रदेश मे हर चुनाव के पहले तोडा है कांग्रेस के बडे चेहरो को भले ही वो नाम राकेश चतुर्वेदी का हो या फिर संजय पाठक या फिर उदय प्रताप सिंह .......लेकिन इस दफा बी जे पी की तैय्यारी है इन सबके सरदार को तोडने की ......चौंकिये मत ये सच है .....और इसके लिये जुट गये है देश के बडे उद्योगपति और राजनेता ..........
वो नेता जो अभी अभी वर्ल्ड एकोनोमिक फोरम की वार्षिक सम्मेलन मे भाग लेकर लौटे है ,,,जहाँ सरकार अपना एक प्रतिनिधी भेज सकती थी लेकिन मोदी ने भरोसा किया सिर्फ कांग्रेस के उस दिग्गज पर वो भी जब वर्ल्ड एकोनोमी फोरम मे हो रही थी नोटबंदी पर चर्चा ...मोदी को विश्वास था जेटली से ज्यादा कांग्रेस के इस नेता पर...जी बिल्कुल ..बी जे पी की नजर है कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ पर, जो इन दिनो कांग्रेस के वन मेन पावर राहुल गांधी से नाराज चल रहे है ....और इसके पीछे का कारण है एम पी का आने वाला रण ..जिसके लिये राहुल गांधी तरजीह देते दिख रहे है ज्योतिरादित्या सिंधिया को .......
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| 30 मार्च के बाद बडा कदम उठा सकते है कमलनाथ |
संजय गांधी की मृत्यु के बाद कमलनाथ ही मेनका गांधी और वरुण गांधी का बडा सहारा बने थे और अब ये दोनो बी जे पी के साथ है और चाहते है की कमलनाथ भी बी जे पी के साथ आये ..हालंकि ये कोशिश इन दोनो ने पश्चिम बंगाल चुनाव के पहले भी की थी पर कमलनाथ राजी नही हुये थे .....
इसके पीछे बी जे पी की अंदरुनी पोलिटिक्स भी है पी एम मोदी ने कभी भी दिल से सी एम शिवराज को स्वीकार नही किया है लेकिन वो ये जांनते है की वर्तमान हालातो मे सी एम शिवराज के बिना एम पी मे सरकार बनाना आसान नही होगा ऐसे मे कई बडे कारण जेब मे रखकर बैठी मोदी अमित शाह की जोडी भी मौके की तलाश मे है अगर कमलानाथ बी जे पी मे आ जायेंगे तो इस जोडी के लिये किसी भी नये चेहरे जिसमे कैलाश विजवर्गीय ,अनिल माधव दवे और थावरचंद गेहलोत शामिल है को आगे बढाना आसान होगा ....
ये तो हुयी बी जे पी की बात अब समझ ले क्या कमलनाथ कांग्रेस छोडेंगे और क्यो ...
कमलनाथ लम्बे समय से प्रदेश मे खुद को मुख्य भुमिका मे लाना चाह्ते है लेकिन प्रदेश की आंतरिक गुटबाजी और राहुल गांधी हमेशा इसके आढे आये है ....हालंकि कमलनाथ ने कई दफा अपनी ताकत सिद्द की है ,,हाल ही मे विवेक तंखा का राज्यसभा इलेक्शन भी इसी कडी का हिस्सा था ....जिसके बाद कांग्रेस के कई नेताओ और विधायको ने खुलकर मांग की थी की कमलनाथ को प्रदेश की कमान सौंपी जाये लेकिन मोहंनप्रकाश और दिग्गविजय सिंह ने अरुण यादव को बचा लिया और ज्योतिरादित्या सिंधिया भी यही चाहते थे ,,,,,
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| सिंधिया और राहुल गांधी की नजदीकियो से परेशान है कांग्रेस के दुसरे दिग्गज |
इसी बीच राहुल गांधी और सिंधिया और करीब आ गये जिसके बाद कमलनाथ को ये लगने लगा है की इस बार भी उन्हे मौका नही मिलने वाला ...और ये चुनाव कमलनाथ की उम्र के लिहाज से भी उनके लिये आखिरी मौका होगा ऐसे मे सुत्रो से खबर आ रही है की कमलनाथ ने अब मन बना लिया है की वो 30 मार्च तक कांग्रेस आलकमान के निर्णय का इंतजार करेंगे ....और उसके बाद वो ले सकते है बडा कदम ..
अप्रेल से एम पी विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल शुरु हो जायेगा ऐसे मे बी जे पी चाहेगी की यु पी मे रीता बहुगुणा की तरह एम पी मे भी कांग्रेस को बडा झटका दे और ये झटका तो बी जे पी को लोकसभा चुनावो मे बंगाल मे भी फायदा पहुंचायेगा ..ऐसे मे चौतरफा एक्सरसाईज शुरु हो गयी है
सुत्रो की माने तो 29 मार्च से चैत्र नवरात्री शुरु हो रहे है और कमलनाथ अब भी चाह्ते है की उन्हे प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी जाये लेकिन अगर ऐसा नही होता है इस पर्व के दौरान हमेशा बडे कदम उठाने वाले कमलनाथ इस दफा ऐसा कदम उठायेंगे की प्रदेश की ही नही देश की राजनीती मे हलचल मच जायेगी .........
पोर्टल रिपोर्ट -अनुराग मालवीय


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