मुश्किल में RSS का विराट हिन्दू सम्मलेन
8 फरवरी को आदिवासी बाहुल्य जिले बैतूल में होने वाला विराट हिन्दू सम्मलेन मुश्किल में आ गया है इस सम्मलेन में आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत हिस्सा लेने वाले है...आदिवासी संगठनो ने अपने समाज के लोगो से अपील की है कि कोई भी हिन्दू सम्मेलन में न जाए। संगठनी ने आदिवासियों की घर वापसी अभियान भी चलाने का फैसला किया है। संगठनों के मुताबिक आदिवासी हिन्दू नही है इसलिए उन्हें सम्मेलन में न जाने के लिए समझाया जा रहा है। इस सम्मेलन में आरएसएस के सर संघ संचालक मोहन भागवत को पहुचना है।जिसके लिए भीड़ जुटाने सत्ता और संगठन एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। लेकिन आदिवासियों के ताजा फैसले से आरएसएस को बड़ा झटका लग सकता है। भाजपा के सत्ता और संगठन के लिए ये खबर नींदे हराम करने वाली है। आरएसएस की योजना को खटाई में डालने वाली है यह खबर।जी हां।आदिवासी समाज में समाज सुधारक और जन जागरूकता के लिए बीते 70 साल से काम कर रहे श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाढ संगठन और गांव गांव में राजनैतिक बिसात बिछा रहे आदिवासी राजनैतिक संगठनों ने आदिवासियों को हिन्दू सम्मेलन में न पहुचने की हिदायत दी है।। बैतूल में आयोजित संगठन की एक बैठक में साफ़ एलान किया गया है कि आदिवासी हिन्दू नही है इसलिए वे 8 फ़रवरी को आयोजित हिन्दू सम्मेलन का हिस्सा न बने। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बीएल सल्लम ने इसके लिए गांव गांव फरमान भी जारी कर दिया है। समाज के युवा भी मानते है कि उनके रीति रिवाज और संस्कृति हिन्दू समाज से भिन्न है। उनका दावा है कि सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि आदिवासी हिन्दू नही है।इसलिए वे सम्मेलन में नही जायेंगे। युवाओं ने इसे लेकर दस्तावेज भी पेश किये है।इस फरमान के बाद आदिवासियों के संगठन ने इसके लिए गांव गांव युवाओं और कार्यकर्ताओं को भेजकर सम्मेलन में शामिल न होने की अपील की है।। आदिवासी नेताओ का आरोप है कि आदिवासी देवी देवताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मेलन के नाम पर अगवा कर लिया गया है। आदिवासी हिन्दू नही है ।। फिर भी उन्हें हिन्दू सम्मेलन में दो लाख की भीड़ जुटाने बरगलाया जा रहा है। आदिवासी नेता कल्लुसिंह ने स्थानीय पत्रकारो को बताया कि वे आदिवासियों का घर वापसी अभियान भी चलाएंगे। गौरतलब है कि 8 फरवरी को बैतुल में हिन्दू सम्मेलन होना है जिसमे मोहन भागवत भाग लेंगे। आरएसएस ,और उसके अनुषांगिक संगठन इसके लिए गांव गांव जाकर अलख जगा रहे है लेकिन आदिवासी संगठन के ताजा फैसले से सम्मेलन में भीड़ जुटाने की कवायद खटाई में पड़ती नजर आ रही है।देखना होगा की इस फैसले के बाद आयोजको की कैसी प्रतिक्रिया होंगी।
हालांकि स्थानीय विधायक और बी जे पी के कोषाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने दावा किया है की इस सम्मलेन में 1 लाख लोग जुटेंगे|
सहयोग-इरशाद हिन्दुस्तानी एवं खबरम


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