कांग्रेस के इस दिग्गज ने अब अपनी नयी भूमिका तय कर ली है...बड़ा दिल करके वो आगे आये है सिर्फ कांग्रेस को जिताने के लिए...इस दफ़ा नहीं है उन्हें किसी पद की चाह ...ये रोल ऐसा है जो कितना असर दिखायेगा इसका पता नहीं लेकिन उनकी शुरूआती सफलता बी जे पी की नींद उड़ा रही है..
पिछले कुछ चुनावो से बी जे पी की जोड़ तोड़ की राजनीती का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने एम् पी में अपनी तैयारी शुरू कर दी है...बी जे पी में इस खेल के सबसे बड़े खिलाड़ी मंत्री नरोत्तम मिश्रा माने जाते है तो अब कांग्रेस में इसकी जिम्मेदारी ली है पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने...और अपने पहले ही राउंड में वो भाजपा के दो बड़े गढ़ो में सेंध लगाने में सफलता प्राप्त करते दिख रहे है ...
ज़रा इस तस्वीर को ध्यान से देखिये इस तस्वीर में दिख रहे है बी जे पी के दो बागी नेता एक होशंगाबाद के पूर्व विधायक और विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा के भाई गिरिजाशंकर शर्मा तो दुसरे बी जे पी के प्रदेश कोषाध्यक्ष और बैतूल के विधायक हेमंत खंडेलवाल के भाई राजीव खंडेलवाल....ये दोनों चेहरे अपने क्षेत्रो के राजनीति के धुरंधर माने जाते है ...और इन दोनों जिलो की सभी विधानसभा सीटो पर बी जे पी का कब्जा है...इन दोनों चेहरों के बारे में आपको बता दें ....एक तो अपना पिछ्ला चुनाव जीते थे लेकिन उनका सिटिंग MLA होने के बाद टिकिट गया था तो दूसरे उमा भारती के बेहद करीबी रहे है और इस दफ़ा बेतुल से उनका टिकिट अचानक कट गया था ...एक दफ़ा वो निर्दलीय लड़कर बी जे पी की हार का कारण भी बन चुके है ये दोनों नेता इन दिनों सुरेश पचौरी के सीधे संपर्क में है इसके अलावा पचौरी अपने प्रभाव वाले क्षेत्र नर्मदांचल और महाकौशल में कुछ और नेताओ पर भी नज़ारे टिकाये हुए है पचौरी ने भी अपने बी जे पी तोड़ो अभियान की टीम में अपने पुराने साथियो को जोड़ लिया है इनमे जबलपुर से आलोक मिश्रा नरसिंगपुर से नारायण प्रजापति होशंगाबाद से अम्बिका शुक्ला और इटारसी से विजय दुबे काकू भाई जैसे नाम शामिल है ...इस सबको देखकर लगता तो है की पचौरी ने अपनी भूमिका तय कर ली है अब देखना ये है की कांग्रेस के बाकी दिग्गज भी क्या अपनी जिम्मेदारी खुद तय कर के आगे आएंगे..अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस की सत्ता में वापसी का प्रयास प्रभावी होगा......
पिछले कुछ चुनावो से बी जे पी की जोड़ तोड़ की राजनीती का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने एम् पी में अपनी तैयारी शुरू कर दी है...बी जे पी में इस खेल के सबसे बड़े खिलाड़ी मंत्री नरोत्तम मिश्रा माने जाते है तो अब कांग्रेस में इसकी जिम्मेदारी ली है पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने...और अपने पहले ही राउंड में वो भाजपा के दो बड़े गढ़ो में सेंध लगाने में सफलता प्राप्त करते दिख रहे है ...
ज़रा इस तस्वीर को ध्यान से देखिये इस तस्वीर में दिख रहे है बी जे पी के दो बागी नेता एक होशंगाबाद के पूर्व विधायक और विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा के भाई गिरिजाशंकर शर्मा तो दुसरे बी जे पी के प्रदेश कोषाध्यक्ष और बैतूल के विधायक हेमंत खंडेलवाल के भाई राजीव खंडेलवाल....ये दोनों चेहरे अपने क्षेत्रो के राजनीति के धुरंधर माने जाते है ...और इन दोनों जिलो की सभी विधानसभा सीटो पर बी जे पी का कब्जा है...इन दोनों चेहरों के बारे में आपको बता दें ....एक तो अपना पिछ्ला चुनाव जीते थे लेकिन उनका सिटिंग MLA होने के बाद टिकिट गया था तो दूसरे उमा भारती के बेहद करीबी रहे है और इस दफ़ा बेतुल से उनका टिकिट अचानक कट गया था ...एक दफ़ा वो निर्दलीय लड़कर बी जे पी की हार का कारण भी बन चुके है ये दोनों नेता इन दिनों सुरेश पचौरी के सीधे संपर्क में है इसके अलावा पचौरी अपने प्रभाव वाले क्षेत्र नर्मदांचल और महाकौशल में कुछ और नेताओ पर भी नज़ारे टिकाये हुए है पचौरी ने भी अपने बी जे पी तोड़ो अभियान की टीम में अपने पुराने साथियो को जोड़ लिया है इनमे जबलपुर से आलोक मिश्रा नरसिंगपुर से नारायण प्रजापति होशंगाबाद से अम्बिका शुक्ला और इटारसी से विजय दुबे काकू भाई जैसे नाम शामिल है ...इस सबको देखकर लगता तो है की पचौरी ने अपनी भूमिका तय कर ली है अब देखना ये है की कांग्रेस के बाकी दिग्गज भी क्या अपनी जिम्मेदारी खुद तय कर के आगे आएंगे..अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस की सत्ता में वापसी का प्रयास प्रभावी होगा......


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