आंसुओं में डूबी बेटी को साथ लेकर, दाना माझी ने अपनी बीवी अमंगादेई की लाश को भवानीपटना के अस्पताल से चादर में पलेटा, उसे कंधे पर टिकाया और वहां से 60 किलोमीटर दूर स्थित थुआमूल रामपुर ब्लॉक के मेलघर गांव की ओर बढ़ चला। टीबी से जूझ रही माझी की पत्नी की मौत हो गई थी। बहुत कम पैसा बचा था, इसलिए माझी ने अस्पताल के अधिकारियों से लाश को ले जाने के लिए एक गाड़ी देने को कहा।
”मैंने सबके हाथ जोड़े, मगर किसी ने नहीं सुनी। उसे लाद कर ले जाने के सिवा मेरे पास और क्या चारा था”
-दाना माझी
माझी लाश कंधे पर लिए करीब 12 किलोमीटर तक चलता रहा, तब कुछ लोगों ने देखा और अधिकारियों को खबर की। तब एक एम्बुलेंस भेजी गई जो लाश को मेलघर गांव लेकर गई।
No comments:
Post a Comment