शिवराज सरकार का विश्वास भूत प्रेत पर
अजीब हैं यहां के मुख्यमंत्री और उनकी भाजपा सरकार। दावे और वादे कई पर पूरा कोई भी नहीं। प्रदेश का अन्नदाता बीते 4 वर्ष से परेशान है। प्राकृतिक आपदा की मार से जहां उसकी रीढ़ की हड्डी का गुरिया खिसक गया है तो वहीं कर्ज के बोझ से वह अपनी आत्मा परमात्मा से मिलाने उतारू है। कोई बेटी के हाथ पीले न होने से उदास है तो किसी की टूट चुकी आस है। मुआवजा भीख है या बुजुर्गों की सीख है। किसान की आँखों का पानी सूख गया है खेतों में सब मौसमों में खड़ा किसान टूट गया है। यह वही किसान अन्नदाता है जो अकाल पड़ने पर सरकारों को भीख देता आया है। आज तुम्हारे राज्य में खुद याचक है। प्रदेश में काश्तकारों की कई मौतें इस बात की गवाह हैं पर सरकार कहती है यह सब अफवाह है। वह तो किसानों की आत्महत्या को भूत प्रेत से परेशान होकर मौत को कलेजे से लगाने की बात बता रही है। क्या हुआ चौंक गए न। पर यह सच है। राज्य के सिहोर जिले की विधानसभा सीट के कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में यह सवाल दागा कि सिहोर जिले में अब तक कितनों लोगों ने किस वजह आत्महत्या की। विधायक का मकसद किसानों की मौत का आंकड़ा जानना था लेकिन जो जबाव सरकार ने दिया उसका इल्म विधायक को भी न था। सरकार ने कुछ लोगों की मौत की वजह बड़ी दिलचस्प बताई है। सरकार का मानना है कि कुछ मौतें भूत-प्रेत का साया होने की वजह से परेशान लोगों द्वारा आग या फांसी लगाकर हुई हैं। अब भाजपा सरकार जिंदा लोगों की बजाए शैतानी ताकतों पर भरोसा ज्यादा करती है। धन्य हो मामा आप और आपकी सरकार। किसान, मजदूर, जनप्रतिनिधि, सरकारी मुलाजिम और आम जनता परेशान फिर भी शिवराज सरकार महान। याद रखना माफ नहीं करेगा किसान। तुम्हारा खजाना अन्नदाताओं के पसीने से भरता है। वही काश्तकार आज विवश है फंदे पर झूलने तो कहीं पेट की आग न बुझने पर खुद को आग लगाने और तुम इसे भूत-प्रेत का काम बताने।
अजीब हैं यहां के मुख्यमंत्री और उनकी भाजपा सरकार। दावे और वादे कई पर पूरा कोई भी नहीं। प्रदेश का अन्नदाता बीते 4 वर्ष से परेशान है। प्राकृतिक आपदा की मार से जहां उसकी रीढ़ की हड्डी का गुरिया खिसक गया है तो वहीं कर्ज के बोझ से वह अपनी आत्मा परमात्मा से मिलाने उतारू है। कोई बेटी के हाथ पीले न होने से उदास है तो किसी की टूट चुकी आस है। मुआवजा भीख है या बुजुर्गों की सीख है। किसान की आँखों का पानी सूख गया है खेतों में सब मौसमों में खड़ा किसान टूट गया है। यह वही किसान अन्नदाता है जो अकाल पड़ने पर सरकारों को भीख देता आया है। आज तुम्हारे राज्य में खुद याचक है। प्रदेश में काश्तकारों की कई मौतें इस बात की गवाह हैं पर सरकार कहती है यह सब अफवाह है। वह तो किसानों की आत्महत्या को भूत प्रेत से परेशान होकर मौत को कलेजे से लगाने की बात बता रही है। क्या हुआ चौंक गए न। पर यह सच है। राज्य के सिहोर जिले की विधानसभा सीट के कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में यह सवाल दागा कि सिहोर जिले में अब तक कितनों लोगों ने किस वजह आत्महत्या की। विधायक का मकसद किसानों की मौत का आंकड़ा जानना था लेकिन जो जबाव सरकार ने दिया उसका इल्म विधायक को भी न था। सरकार ने कुछ लोगों की मौत की वजह बड़ी दिलचस्प बताई है। सरकार का मानना है कि कुछ मौतें भूत-प्रेत का साया होने की वजह से परेशान लोगों द्वारा आग या फांसी लगाकर हुई हैं। अब भाजपा सरकार जिंदा लोगों की बजाए शैतानी ताकतों पर भरोसा ज्यादा करती है। धन्य हो मामा आप और आपकी सरकार। किसान, मजदूर, जनप्रतिनिधि, सरकारी मुलाजिम और आम जनता परेशान फिर भी शिवराज सरकार महान। याद रखना माफ नहीं करेगा किसान। तुम्हारा खजाना अन्नदाताओं के पसीने से भरता है। वही काश्तकार आज विवश है फंदे पर झूलने तो कहीं पेट की आग न बुझने पर खुद को आग लगाने और तुम इसे भूत-प्रेत का काम बताने।
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