Friday, January 8, 2016

इस लेडी IAS को होना पड़ा था सस्पैंड, अब गाने गाकर बताएंगी पीड़ा

भोपाल. कभी आईएएस अधिकारी के रूप में रही डॉ शशि कर्णावत अब सार्वजनिक मंच से अपनी पीड़ा जाहिर करेंगे। वह बुंदेलखंडी गीतों के जरिए अपनी व्यथा सुनाएंगी। लोकगीत गायन में रुचि रखने वाली कर्णावत ने ये गीत स्वयं ही लिखे भी हैं। अब इन्हें सुरों में ढाल कर सरकार के सताए हुए वर्ग की तकलीफ जाहिर करेगीं।
7 बुंदेली गीत किए तैयार
27 महीने से सस्पेंड इस महिला आईएएस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने स्वयं सात बुंदेलखंडी गीत तैयार किए हैं। इनमें, महिलाओं, किसानों, दलित आदिवासी अधिकारियों व कर्मचारियों की पीड़ा का जिक्र है।
डॉ कर्णावत ने हाल ही में लिखे कुछ गीतों में पठानकोट में हुए आतंकी हमले का जिक्र भी किया है। इन्हे भी वे सुनाएंगीं। इनमें सेना व एयर फोर्स के वीर जवानों व अधिकारियों की शहादत की गाथा भी शामिल होगी है।
33 साल से प्रशासनिक सेवा में, 2 साल से सस्पैंड
- डॉ कर्णावत मूलत: सागर जिले के देवरी की हैं।
- बीए में हिंदी साहित्य विषय रहा। अर्थशास्त्र में एमए किया।
- 1999 बैच की मप्र कैडर की हैं।
- 1983 से राज्य प्रशासनिक सेवा के तहत मंडला, कटनी, डिंडोरी में डिप्टी कलेक्टर व एडीशनल कलेक्टर रहीं।
- अब तक की 33 साल की सेवा में करीब 13-14 साल मंडला, झाबुआ और शिवपुरी में एडीएम के पद पर पदस्थ रहीं।
- 27 सितंबर 2013 को शासन ने सस्पेंड किया। खेल एवं युवक कल्याण विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर पदस्थ रहीं।
- लोकगीत, काव्य व साहित्य लेखन में रुचि।

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