प्रशासनिक अफसरों की ट्रेनिंग में ये बात हर वर्ग को सिखाई जाते है की कर्तव्य और व्यवहारिकता हमेशा भावनाओ की तुलना में प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन प्रदेश में ऐसे कई अफसर है जो अपनी भावनाओ में बाह जाते है और इसके चलते उनकी प्रशासनिक क्षमताओ पर सवाल उठे है..शशि कर्णावत,,रमेश थेटे ,होतगी और आजाद सिंह डबास ऐसे ही नाम है .और इसका असर उनकी गोपनीय चरित्रावली पर भी पड़ा है
आई ऍफ़ एस आजादसिंह डबास का ताजा बयान आया है जिसमे उन्होंने कहा है की उनकी इच्छा है की उनके मृत्यु के बाद उनकी चिता की राख जंगलो में बिखेर दी जाए...आपको बता दे की डबास चाँद दिनों में रिटायर होने वाले है और उनकी नौकरी में कई दफ़ा उनका विवाद सरकार से हुआ है यहां तक की वो सरकार से पंगा लेने के लिए एक संगठन भी खड़ा कर चुके है
निलंबित आई ए एस अफसर शशि कर्णावत को भी बातो बातो में रोना आ जाता है तो वो कभी भावुक होकर रोने लगती है
रमेश थेटे भी भावुक है लेकिन उनकी भावनाओ में आक्रोश ज्यादा है इसीलिए वो बड़े पंगे करने के बाद भी बड़ी मुश्किलो में नहीं पड़े है इसी श्रेणी में और भी नाम है
इन दो अधिकारियों में 1984 बैच के अफसर देवेश कोहली और 1994 बैच के विश्वनाथ एस. होतगी भी शामिल हैं। इन्हें उस क्राइटेरिया के तहत रिटायर किया जा रहा, जिसमें यह स्पष्ट है कि अफसर काम करने लायक ही नहीं। साथ ही उसने या तो 25 साल की सेवा पूरी कर ली हो या उम्र 50 वर्ष हो गई हो। केंद्र सरकार की ओर से 24 सितंबर को तेलंगाना के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एके श्रीवास्तव भोपाल आए थे, तब उनके सामने तमाम आईएफएस अफसरों व उनपर लगे आरोपों की जानकारी दी गई थी। खराब परफार्मेंस देने के कारण बनी स्थिति कोहली और होतगी ऐसे मिले, जिनकी लगातार 10 साल तक गोपनीय चरित्रावली (एसीआर) खराब निकली .
निलंबित आई ए एस अफसर शशि कर्णावत को भी बातो बातो में रोना आ जाता है तो वो कभी भावुक होकर रोने लगती है
रमेश थेटे भी भावुक है लेकिन उनकी भावनाओ में आक्रोश ज्यादा है इसीलिए वो बड़े पंगे करने के बाद भी बड़ी मुश्किलो में नहीं पड़े है इसी श्रेणी में और भी नाम है
इन दो अधिकारियों में 1984 बैच के अफसर देवेश कोहली और 1994 बैच के विश्वनाथ एस. होतगी भी शामिल हैं। इन्हें उस क्राइटेरिया के तहत रिटायर किया जा रहा, जिसमें यह स्पष्ट है कि अफसर काम करने लायक ही नहीं। साथ ही उसने या तो 25 साल की सेवा पूरी कर ली हो या उम्र 50 वर्ष हो गई हो। केंद्र सरकार की ओर से 24 सितंबर को तेलंगाना के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एके श्रीवास्तव भोपाल आए थे, तब उनके सामने तमाम आईएफएस अफसरों व उनपर लगे आरोपों की जानकारी दी गई थी। खराब परफार्मेंस देने के कारण बनी स्थिति कोहली और होतगी ऐसे मिले, जिनकी लगातार 10 साल तक गोपनीय चरित्रावली (एसीआर) खराब निकली .


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