भोपाल| मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पर अपनी सहमति जता दी है| आज मप्र विधानसभा के विशेष सत्र मे इसे प्रस्तुत किया गया था| जिसे सदन में करीब 2 बजे जीएसटी बिल का संकल्प सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया| इसके पहले विशेष सत्र में दिवगंत पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के बाद सदन के पटल पर रखा गया और चर्चा की शुरूआत विपक्षी पार्टी की ओर से विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह ने की। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे देश की विकास दर तत्काल डेढ़ फीसदी तक बढ़ जाएगी। सरकार ने एक अप्रैल 2017 से जीएसटी को लागू करने का लक्ष्य रखा है. जीएसटी लागू करने को देश में कर क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है|
संविधान में 122वें संशोधन के लिए संसद के दोनों सदनों में पारित विधेयक को बुधवार को विधानसभा में प्रस्तुत किया गया, जो सर्वसम्मति से पारित हो गया| विधि मंत्री रामपाल सिंह ने संसद के दोनों द्वारा पारित संविधान (122वें संशोधन) विधेयक 2014, लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाहियां व उक्त संशोधन के अनुसमर्थन के लिए प्राप्त लोकसभा सचिवालय की सूचना विधानसभा के पटल पर रखी| इसके तुरंत बाद कांग्रेसी विधायकों ने प्रदेश में बाढ़ के कारण बने हालात पर सदन में चर्चा कराने की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने अस्वीकार कर दिया|
विधेयक पर वित्त मंत्री जयंत मलैया ने संकल्प का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि देश में एकीकृत बाजार विकसित होगा। ई-कॉमर्स के कारण बाजार को जो नुकसान हो रहा है, वह नियंत्रित होगा। कर प्रशासन करने वाले अधिकारियों को कर निर्धारण, कर वापसी जैसे कामकाज करने का समय मिलेगा। जीएसटी कौंसिल के बनने के बाद उसके फैसलों को राज्यों को मानना होगा। प्राकृतिक आपदा पर अतिरिक्त करारोपण भी कौंसिल कर सकेगी।
संविधान में 122वें संशोधन के लिए संसद के दोनों सदनों में पारित विधेयक को बुधवार को विधानसभा में प्रस्तुत किया गया, जो सर्वसम्मति से पारित हो गया| विधि मंत्री रामपाल सिंह ने संसद के दोनों द्वारा पारित संविधान (122वें संशोधन) विधेयक 2014, लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाहियां व उक्त संशोधन के अनुसमर्थन के लिए प्राप्त लोकसभा सचिवालय की सूचना विधानसभा के पटल पर रखी| इसके तुरंत बाद कांग्रेसी विधायकों ने प्रदेश में बाढ़ के कारण बने हालात पर सदन में चर्चा कराने की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने अस्वीकार कर दिया|
विधेयक पर वित्त मंत्री जयंत मलैया ने संकल्प का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि देश में एकीकृत बाजार विकसित होगा। ई-कॉमर्स के कारण बाजार को जो नुकसान हो रहा है, वह नियंत्रित होगा। कर प्रशासन करने वाले अधिकारियों को कर निर्धारण, कर वापसी जैसे कामकाज करने का समय मिलेगा। जीएसटी कौंसिल के बनने के बाद उसके फैसलों को राज्यों को मानना होगा। प्राकृतिक आपदा पर अतिरिक्त करारोपण भी कौंसिल कर सकेगी।
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