Tuesday, August 5, 2025
मोहन सरकार लाई मेट्रोपोलिटन बिल
मध्यप्रदेश के विकास के लिए अब नया खाका तैयार किया गया है
इंदौर और भोपाल अब मेट्रोपोलिटन रिजन के रूप में विकसित होंगे । इसको लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट पेश किया गया । जिस पर डेवलपमेंट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जोरदार बहस भी देखने को मिली
विधानसभा के मानसून सत्र के 7वें दिन मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट को लेकर भी यही देखने को मिला, कांग्रेस कई सवाल लेकर खड़ी हो गई, तो बीजेपी विधायक इस एक्ट की तारीफ करते नजर आए ।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि मेट्रोपॉलिटन सिटी में पहली प्राथमिकता इंडस्ट्रियल बेल्ट तय करने की है। सरकार ने तय किया है कि रोजगारपरक उद्योग लगाएंगे।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय शहरों के लिए लाये गए नये कानून को आज की जरूरत मानते हैं । आईए इस कानून की कुछ अहम बातें भी जान लेते हैं
मध्यप्रदेश विधानसभा में मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट 2025 आया ।
25 साल की प्लानिंग को लेकर मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट में व्यवस्था की गई है।
शहरों में अगले 25 साल की स्थिति को ध्यान में रखकर एक्ट बनाया गया है।
इसके तहत इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी बनाई जाएगी।
पहले चरण में प्रदेश के दो सबसे बड़े शहरी क्षेत्र भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन के रूप में विकसित करने की शुरुआत होगी।
इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में पांच जिले इंदौर, देवास, उज्जैन, धार और शाजापुर को शामिल किया गया है।
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन में 9600 वर्ग किमी और इंदौर रीजन में करीब 10 हजार वर्ग किमी क्षेत्र शामिल होगा।
दोनों क्षेत्रों के लिए मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग कमेटी (MPC) व मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MRDA) का गठन होगा।
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